Internet के विभिन्न Applications और उपयोगिताओं का वर्णन

इंटरनेट विश्व का सबसे विशाल, सम्पूर्ण एवं जटिल नेटवर्क होते हुए भी किसी भी क्षेत्र के अध्ययन, मनोरंजन, व्यापार आदि के लिए सवांधिक उपयोगी है। इसकी सेवाओं का पूर्ण एवं समुचित उपयोग करने के लिए इंटरनेट पर बहुत से विविध प्रकार के प्रोग्राम्स को स्थापित किया गया है। इन प्रोग्राम्स के प्रयोग से इन सेवाओं का उपयोग करने, उन्हें जोड़ने तथा उनका प्रयोग सरल बनाया जा सकता है। इंटरनेट का प्रयोग जहाँ विभिन्न कम्पनीज विज्ञान, विपणन, क्रय, उत्पाद का वितरण तथा विक्रय उपरांत सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए करती है, वहीं एक व्यक्ति अपने ज्ञान की वृद्धि, आवश्यकता वस्तुओं का क्रय आदि इंटरनेट की सहायता से कर सकता है।

Internet के विभिन्न Applications और उपयोगिताओं का वर्णन

Internet के विभिन्न Applications और उपयोगिता :

इंटरनेट के विभिन्न एप्लीकेशन निम्नलिखित हैं-

1. वर्ल्ड बाइड वेब (World Wide Web)

वर्ल्ड वाइड वेब (World Wide Web) का संक्षिप्त नाम WWW है। यह एक ऐसा सार्वभौमिक (Global) दिखाई न देने वाला वातावरण है, जिसकी समस्त सूचनाएं जैसे टैक्स्ट, चित्र, ऑडियो एवं वीडियो आदि, इंटरनेट से ही Access को जा सकती हैं। इन सूचनाओं को उचित प्रकार से प्राप्त करने के लिए इंटरनेट के मानक नियमों का पालन करना होता है। Web को Internet का पर्याय माना जाता है। सन् 1992 में, जब वेब का पदार्पण हुआ तो इंटरनेट को एक ऐसा विस्तृत मंच माना जाने लगा जिस पर कम्पनियाँ अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर सकती थीं। इंटरनेट से जुड़े किसी भी कम्प्यूटर द्वारा वेब पेज का प्रकाशन किया जा सकता है, और तब वह वेब सर्वर सिस्टम माना जाता है। ऐसा स्थान जहाँ कोई व्यक्ति अथवा कम्पनी को अपना परिचय या सम्बन्धित सूचना प्रकाशित करने की स्वतन्त्रता हो 'वेबसाइट' कहलाता है। एक वेबसाइट में एक-दूसरे से जुड़े हुए अनेक पृष्ठ होते हैं। वेबसाइट के प्रथम पृष्ठ को 'होम-पेज' कहा जाती है।

वर्ल्ड वाइड वेब के साथ मानव के वे स्वप्न भी आज साकार हो गए हैं, जिन्हें मानव सदियों से देख रहा था; जैसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, अल्पदर पर विश्वव्यापी फोनकॉल्स, आँकड़ों तक तुरंत पहुंच एवं दूर-दूर तक संवाद। इंटरनेट पर अब तोव्र एवं विश्वस्त रूप से आंकड़ों के संचरण के लिए प्रयोग किए जाने वाले अनुप्रयोगों का उपयोग व्यापार, शिक्षा एवं मनोरंजन के क्षेत्र में हो रहा है। नेट के अधिकांश अनुप्रयोग इसी पर संचालित होते हैं। वल्र्ड वाइड वेब को सामान्यतः वेब (Web) अथवा WWW से निरूपित किया जाता है। यह इलैक्ट्रॉनिक प्रकाशन का सर्वश्रेष्ठ साधन है। अनेक समाचार पत्र, पत्रिकाएँ आदि इंटरनेट पर के द्वारा उपलब्ध है।

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2. इलैक्ट्रॉनिक मेल 

ई-मेल व्यावसायिक जगत में संदेश सम्प्रेषण का एक आधुनिक एवं सशक्त माध्यम है। ई-मेल इंटरनेट के माध्यम से संदेश भेजने व प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करता है। इसमें प्रत्येक प्रयोगकर्ता का अपना ई-मेल पता होता है, और मेल आदान-प्रदान की प्रक्रिया भी बहुत सरल होती है यहाँ तक कि सामान्य डाक सेवा से भी अत्यन्त सरल। यदि हमारा मेल-पता बदल भी जाता है, तब भी हम ई-मेल पता स्थायी रख सकते हैं और विश्व भर में कहीं से भी अपना मेल बॉक्स खोलकर अपनी ई-मेल को देख सकते हैं। इंटरनेट पर ऐसे अनेक मेल-सर्वर उपलब्ध हैं, जो निःशुल्क ई-मेल पता व ई-मेल सेवाएँ उपलब्ध कराते हैं। इनमें से कुछ प्रचलित नाम हैं - htp://www.hotmail.com, 
http://www.yahoo.com, 
http://www.rediffmail.com
इत्यादि।

3. इलैक्ट्रॉनिक बुलेटिन बोर्ड 

जिस प्रकार ई-मेल सेवा किसी व्यक्ति अथवा समूह विशेष को संदेश भेजने व प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करती है उसी प्रकार नेटवर्क समाचार सेवा इलैक्ट्रॉनिक बुलेटिन बोर्ड का सदस्य बनाती है, जिससे किसी भी समाचार सूचना को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया जा सकता है। इस प्रकार के बुलेटिन बोडौँ का प्रयोग समान विचारों के लोग आपस में सूचनाओं और समाचारों के आदान-प्रदान तथा बातचीत करने के लिए भी करते हैं। यूजनेट (Usenet) एक ऐसी ही लोकप्रिय बुलेटिन बोर्ड हैं, जिसकी सेवा व्यापक क्षेत्र में फैली हुई हैं। इसमें लतीफों से लेकर शौकिया बातें, राजनीति, कम्प्यूटर तथा अन्य विषय भी सम्मिलित हैं।

4. टेलनेट

टेलनेट एक ऐसी सेवा प्रणाली है, जिसमें प्रयोगकर्ता को इंटरनेट के एक सेवा प्रणाली से किसी अन्य सेवा-प्रणाली तक पहुँचाने की क्षमता है। साथ ही इस पर उपलब्ध विभित्र सेवाओं को प्रयोग करने का अवसर उपलब्ध कराती है।

वास्तव में टेलनेट (Telnet) एक ऐसा यूटिलिटी प्रोग्राम है, जो प्रयोगकर्ता को किसी अन्य कम्प्यूटर मशीन पर जाकर उस Host कम्प्यूटर मशीन अथवा Remote Computer पर स्थित विभित्र सेवाओं का उपयोग करने की अनुमदि प्रदान करता है। टेलनेट को सहायता से World of Gophers, WWW पर भी काम कर सकते हैं। इतना ही नहीं टेलनेट अन्य कम्प्यूटर पर Log in करने की भी अनुमति देता है। Telnet वास्तव में एक Terminal Emulation Protocol है। इसका उपयोग करके प्रयोगकर्ता अपने अनुसंधान में सहायता व परामर्श आदि प्रास कर सकता है। 

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5. फाइल ट्रान्सफर प्रोटोकॉल 

फाइल ट्रान्सफर प्रोटोकॉल (File Transfer Protocol) को आम बोलचाल में FTP के नाम से जाना जाता है। इसके माध्यम से हम इंटरनेट से जुड़े किसी भी दूरी पर स्थित किसी भी व्यक्ति के पास उपलब्ध जानकारी अथवा सूचना को अपनी फाइल में ले सकते हैं, साथ ही अपनी जानकारी अथवा सूचना को उसकी फाइल को दे सकते हैं।

6. इंटरनेट रिले चैट

Internet Relay Chat, जिसे आम बोलचाल में IRC के नाम से जाना जाता है, एक ऐसी सेवा है, जहाँ पर हम नेट पर अनेक लोगों से मिलते हैं। यह एक ऐसा चेनल है, जहाँ पर हम कुछ भी करने के लिए स्वतन्त्र होते हैं। इस पर सबसे पहले एक चेतावनी संदेश प्रदर्शित होता है- Don't give any information out about yourself over irc, and do not type in anything some stranger asks you. And please, if you have children, closely monitor their activities on irc. कुल मिलाकर IRC एक ऐसा माध्यम है, जहाँ हम अपने मनचाहे विषय पर कुछ भी बात कर सकते हैं। इस प्रकार IRC Realtime Communication करने का सशक्त माध्यम है।

7. वेब चैट

वैब चैट (Web Chat) का विकास इंटरनेट राउण्डटेबिल सोसायटी (Internet Roundtable Society) के द्वारा Web पर Real-time Multimedia Chat करने के लिए किया गया था। इस प्रकार के सॉफ्टवेयर World Wide Web पर हमारे ब्राउजर से जुड़‌कर ऑनलाइन चैटिंग (Online Chatting) करने की सुविधा प्रदान करते हैं। इस प्रकार की सेवा का उपयोग विभित्र कम्पनीज अपने ग्राहकों से Online बात करने के लिए करती हैं।

8. न्यूज ग्रुप्स

न्यूज ग्रुप्स (New Groups) अंतर्राष्ट्रीय बुलेटिन बोर्ड की भांति होते हैं। प्रत्येक ग्रुप अलग-अलग विषयों का एक फॉर्म (Form) होता है। जहाँ पर हम अपने सवाल-जवाब रख सकते हैं। इस प्रकार हजारों ग्रुप्स एक स्थान पर एकत्र होते हैं, जिसमें सभी प्रकार की जानकारियाँ (Informations) होती हैं। इन ग्रुप्स को देखने के लिए किसी भी प्रचलित वेब ब्राउजर; जैसे इंटरनेट एक्सप्लोरर (IE) अथवा नेटस्केप नेव्हीगेटर (Netscape Navigator) आदि का प्रयोग किया जा सकता है। इन ग्रुप्स में अनेक ऐसे ग्रुप्स होते हैं, जो बच्चों के मतलब के नहीं होते हैं। ऐसा इंटरनेट के Global होने के कारण होता है। चूंकि इस पूरी व्यवस्था में किसी का मालिकाना हक नहीं है, अतः इस प्रकार इंटरनेट के दुरूपयोग को रोकने के लिए आजकल समितियाँ बनाई जा रही हैं।

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9. फैक्स (Fax)

फैक्स (Fax) मशीन को टैलीकॉपिंग (Tele Copying) के नाम से भी जाता जाता है। इसका आविष्कार सन् 1988 में हुआ था। इसकी सहायता से किसी भी छपे हुए दस्तावेज (Printed Document) को एक स्थान से दूसरे स्थान पर टेलीफोन लाइन के माध्यम से भेजा सकता है। फैक्स मशीन की कार्य प्रणाली एक साधारण फोटोकॉपियर की भाँति होती है, परंतु इसमें फोटोकॉपियर से अधिक विकसित तकनीक का उपयोग किया जाता है। इसमें एक फैक्स में डॉक्यूमेंट को प्रविष्ट कराया जाता है, और दूसरी फैक्स मशीन में इसकी कॉपी प्रिंट हो जाती है। फैक्स मशीन में मूल डॉक्यूमेंट को प्रविष्ट करने पर वह स्कैन होकर इलैक्ट्रॉनिक सिग्नल्स में परिवर्तित हो जाता है, और टैलीफोन लाइन के माध्यम से ये सिग्नल्स दूसरे टेलीफोन तक पहुँचते हैं। वहाँ पर लगी फैक्स मशीन द्वारा इन इलैक्ट्रॉनिक सिग्नल्स को पुनः कोडेड इमेज में परिवर्तित करके प्रिंट कर दिया जाता है।

आजकल इंटरनेट से फैक्स करने का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। इसके लिए हमें फैक्स मशीन की आवश्यकता नहीं होती है। कम्प्यूटर से फैक्स करने के लिए कम्प्यूटर में एक युक्ति मॉडम, जो कि टेलीफोन लाइन से कम्प्यूटर को जोड़ती है, तथा एक फैक्स सॉफ्टवेयर, जैसे - Super Voice, की आवश्यकता होती है। कम्प्यूटर द्वारा फैक्स भेजने के लिए डॉक्यूमेंट को कम्प्यूटर पर ही तैयार करके, बिना इसका प्रिंट निकाले ही, फैक्स सॉफ्टवेयर का प्रयोग करके सीधे-सीधे भेजा सकता है।

10. टेलीफोनी

टेलीफोनी (Telephony) एक ऐसी पद्धति है, जिसमें ध्वनि को इलैक्ट्रॉनिक सिग्नल्स में परिवर्तित करके फैक्स व अन्य सूचनाओं का संयुक्त रूप से दूर बैठे दो व्यक्ति अथवा व्यक्तियों का समूह प्रयोग करते हैं। सन् 1999 में इंटरनेट टेलीफोनी सबसे ज्यादा प्रचलन में आया क्योंकि इन दिनों अमेरिका की दूरसंचार के क्षेत्र में कार्य करने वाली बड़ी-बड़ी कम्पनियों ने प्रयोक्ताओं को कम-से-कम रेट पर लंबी दूरी के फोन की सुविधा प्रदान की थी। औसतन यह तकनीक अपेक्षाकृत तीव्र न होते हुए भी सस्तो अवश्य है। इस प्रकार के इंटरनेट के माध्यम से फोन करने के विभित्र तरीके हैं। इनमें से कुछ कम्प्यूटर से कम्प्यूटर व कुछ सीधे-सीधे फौन से बात करने की सुविधा प्रदान करते हैं। कम्प्यूटर से कम्प्यूटर पर फोन करने के लिये दोनों को किसी भी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर का कनेक्शन होना आवश्यक होता है। ऐसा करने के लिए कम्प्यूटर के साथ जुड़े हुए कुछ अन्य उपकरणों; जैसे माइक्रोफोन और स्पीकर अथवा हैडफोन की भी आवश्यकता होती है। इस प्रकार की सेवा प्रदान करने वाले एक ISP का नाम है विजिटॉक डॉटकॉम।

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11. कोलेबोरेटिव मल्टीमीडिया कम्प्यूटिंग 

कोलेबोरेटिव मल्टीमीडिया कम्प्यूटिंग (Collaborative Multimedia Com-puting) नेटवर्क पर एक साथ एक Document अथवा Project पर अनेक प्रयोगकर्ता को कार्य करने की अनुमति प्रदान करता है। आजकल बनने वाले नए सॉफ्टवेयर्स में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है। इंटरनेट के लिए बनाए गए Collaborative एप्लीकेशन्स के सबसे अच्छे उदाहरण माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन द्वारा विकसित नेटमीटिंग (Netmeeting) तथा नेट शो (Net Show) हैं। 

12. नेट-शो

नेट-शो, वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के समान हो Low-Band Width कॉन्फ्रेंसिंग सेवा है। इसके माध्यम से लाइव मल्टीकास्ट ऑडियो, फाइल ट्रान्सफर और ऑन डिमांड स्ट्रोम्ड ऑडियो, इलस्ट्रेटिड ऑडियो एवं वीडियो जैसों सुविधाओं का उपयोग किया जा सकता है। सॉफ्टवेयर डवलेपर्स के लिये Add-on-Product से संबंधित कार्य अथवा वेबसाइट डिजाइन करने के लिए विकसित वातावरण उपलब्ध कराता है। माइक्रोसॉफ्ट के अनुसार मेट-शो, इंटरनेट पर एक ऐसी सेवा है, जिसके माध्यम से इंटरनेट ट्रैफिक को कम करके उसे नियंत्रित किया जा सकता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इसमें प्रयोग होने वाली नेटवर्क कम्युनिकेशन तकनीक ट्रैफिक को कम करती है और इसमें प्रयोग होने वाले टूल्स मल्टीयूजर Collaborating तकनीक पर कार्य करने वाले होते हैं। नेट-शो स्ट्रीमिंग तकनीक का भी प्रयोग करता है, जिसमें प्रयोगकर्ता सूचना के पूरी तरह ट्रान्सफर होने की प्रतीक्षा न करके, सूचना के पहुँचने पर उसे देख व सुन सकता है।

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